आग आज तक सच को मैं कहाँ समझा आग थी वो जिसे धुआं समझा और कोई न आएगा उठकर आग बुझा लें आप आग का दरिया कहें सब इश्क को आँख का आँसू भी यारो इश्क है ये हवा, ये आग, पानी आप हैं ज़िंदगी की हर कहानी आप हैं है दीये में रोशनी भी, आग भी आप जो चाहें वही मिल जाएगा --- Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/aryann-visionary/support Rss Apple Podcaster →