Mahabharata, an inseparable part of our civilization, is now infested with many distortive and baseless narratives, which, like a parasite, destroy its host. Let us destroy those interpolations, using authentic reference, and understand, preserve, and pass on that timeless wisdom.
महाभारत, जो हमारे संस्कृति का एक अविभाज्य अंग है, आज उसे अनेक कपोल कल्पनाओं एवं निराधार प्रसंगों ने उसी प्रकार ग्रस लिया है जैसे कोई बीमारी फैलाने वाले परजीवी किटाणु अपने पोषण के लिए दूसरों को बीमार कर देता है। हमारा अभियान है उन प्रसंगों का खंडन और महाभारत के मूल दर्शन को समझना जो सर्वकालिक और सर्वदेशीय है।