"जीवन के शब्द और गॉस्पेल गाने" - बुन्देली भाषा.3gp. ///. यूहन्ना 1 --- 1. आदि में* वचन था, और वचन परमेश्‍वर के साथ था, और वचन परमेश्‍वर था। 2. यही आदि में परमेश्‍वर के साथ था। 3. सब कुछ उसी के द्वारा उत्‍पन्‍न हुआ और जो कुछ उत्‍पन्‍न हुआ है, उसमें से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्‍पन्‍न न हुई। 4. उसमें जीवन था*; और वह जीवन मनुष्यों की ज्योति था। 5. और ज्योति अंधकार में चमकती है; और अंधकार ने उसे ग्रहण न किया। 6. एक मनुष्य परमेश्‍वर की ओर से भेजा हुआ, जिसका नाम यूहन्ना था। 7. यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएँ। 8. वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था। 9. सच्ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को प्रकाशित करती है, जगत में आनेवाली थी। 10. वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्‍पन्‍न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहचाना। 11. वह अपने घर में आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया। 12. परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्‍वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात् उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं. 13. वे न तो लहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्‍वर से उत्‍पन्‍न हुए हैं। गलतियाँ जिन्हें प्रभु की वापसी का स्वागत करने के लिए सुधारा जाना है गलतियाँ जिन्हें प्रभु की वापसी का स्वागत करने के लिए सुधारा जाना है. 14.और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हमने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। (1 यूह. 4:9)

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